May 21, 2008

आदतन

आदतन तुम ने कर दिए वादे
आदतन हम ने ऐतबार किया

तेरी राहों में बारहा रूककर
हमने अपना ही इंतज़ार किया

अब ना मांगेंगे ज़िंदगी या रब
ये गुनाह हम ने एक बार किया

गुलज़ार

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