November 15, 2010

मैं चाहता भी यही था वो बेवफा निकले


मैं चाहता भी यही था वो बेवफा निकले,
उसे समझने का कोई तो सिलसिला निकले

किताब ए माजी के औराक़ उलट के देख ज़रा,
ना जाने कोनसा सफा मुङा हुआ निकले

जो दिखने में बहुत ही करीब लगता है,
उसी के बारे में सोचो तो फासला निकले


वसीम बरेलवी


No comments: