August 26, 2008

तू मुझे इतने प्यार से मत देख

तू मुझे इतने प्यार से मत देख
तेरी पलको के नर्म साए में
धूप भी चान्दनी सी लगती है
और मुझे कितनी दूर जाना है
रेत है गर्म, पांव के छाले
यू दमकते हैं जैसे अंगारे
प्यार कि ये नज़र रहे, न रहे
कौन दश्त-ऐ-वफ़ा में जाता है
तेरे दिल को ख़बर रहे न रहे
तू मुझे इतने प्यार से मत देख

अली सरदार जाफरी

1 comment:

राज भाटिय़ा said...

बहुत खुब धन्यवाद