तू मुझे इतने प्यार से मत देख
तेरी पलको के नर्म साए में
धूप भी चान्दनी सी लगती है
और मुझे कितनी दूर जाना है
रेत है गर्म, पांव के छाले
यू दमकते हैं जैसे अंगारे
प्यार कि ये नज़र रहे, न रहे
कौन दश्त-ऐ-वफ़ा में जाता है
तेरे दिल को ख़बर रहे न रहे
तू मुझे इतने प्यार से मत देख
अली सरदार जाफरी
1 comment:
बहुत खुब धन्यवाद
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