April 7, 2008

खुशकिस्मत लोग

वो लोग बहुत खुशकिस्मत थे
जो इश्क को काम समझते थे
या काम से आशिकी करते थे
हम जीते-जी मसरूफ रहे
कुछ इश्क किया कुछ काम किया
काम इश्क के आड़े आता रहा
और इश्क से काम उलझता रहा
फिर आख़िर तंग आ कर हमने
दोनों को अधूरा छोड़ दिया

फैज अहमद फैज

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